Saturday, March 14, 2009
योगी आश्विनी जी- एक आधुनिक योगी
“यह सृष्टि शून्य से उत्पन्न हुई. योग का मुख्य लक्ष्य उसी शांति स्वरूप शून्य को पाना ही है क्यॉकि यह शून्य ही वह परम शक्ति है जो पूरी सृष्टि को थामे है, ऐसा कहना है आज के आधुनिक योगी श्री अश्विनी जी का जो ध्यान फाउंडेशन के संस्थापक और मार्ग दर्शक ज्योति हैं. किसी को केवल उनके आस पास रहने भर से जो शक्ति और व्यक्तित्व प्राप्त होता है वह इन शब्दॉ को सत्य साबित करने के लिये काफी है.
पिछले दिनॉ मुझे योगी जी के साथ कुछ समय बिताने का सुअवसर मिला. ध्यान फाउंडॆशन एक गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन है जो योग, आयुर्वेद और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र मॅ पिछले 10 वर्षॉ से कार्य कर रही. उन्ही मॅ से एक गतिविधि मॅ मुझे शामिल होने का मौका मिला.
भारतीय विद्या भवन मॅ हर रविवार एक ध्यान कार्यशाला का आयोजन किया जाता है. जिस मॅ योगी जी की उपस्थिति मॅ जिज्ञासू लोगॉ को योग और ध्यान जैसे विषयॉ के बारे मॅ प्रयोगात्मक जानकारी दी जाती है. योगासनॉ की वैज्ञानिक परिभाषा, उनका हमारे शरीर के अंगॉ पर क्या प्रभाव होता है, साधना के गूढ रहस्य, और ऐसे विषय जिनका वर्णन शायद ही कोई और आज के समय मॅ कर सकेगा, योगी जी के श्री मुख से सुनने को मिले. मै इतना प्रभावित हुआ कि मैने तय किया कि मै भविष्य मॅ भी ध्यान फाउंडेशन से जुड़ा रहूँगा. इस ध्यान यात्रा के सभी पड़ावॉ से जुड़े अनुभव लिखता रहूँगा ताकि पाठकॉ को यह विशेष जानकारी मिलते रहे.
योगी अश्विनी इस युग के शायद अकेले ऐसे योगी है जो इस चिर प्राचीन अष्टांग योग के सिढांतॉ का ठीक वैसे ही पालन करते है और करवाते है जैसा कि महर्षि पतंजलि ने प्रतिपादन किया है. आप सभी की जानकारी के लिये ध्यान फाउंडेशन की वेबसाइट दे रहा हूँ अगर आप चाहते है कि आप भी उस अनुभव को प्राप्त करॅ तो बस क्लिक कीजिये www.dhyanfoundation.com और बताइये अपना अनुभव और कीजिये टिप्पणी...
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Very well started Manudeep. it is nice to give to society what we have recieved , from a higher force.I have been reading other blogs about Yogi Ashwini . i an truly inspired to meet Him, thanks to the effort of blog writers like you . do keep updating for us to read.
ReplyDeleteDiplu from Gurgaon
Thank You for your valued words. It is He who is generating energy towards me so that I can think to put some of His sayings on this blog.
ReplyDeleteMay Yogi Bless you!